रायपुर, 30 जून 2025। छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए खरीफ 2025 खुशियों की सौगात लेकर आया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लिया गया। अब तक केवल धान की खेती करने वालों को मिलने वाला कृषक उन्नति योजना का लाभ अब मक्का, तिलहन और दलहन जैसी वैकल्पिक फसलों पर भी मिलेगा।
मंत्रिपरिषद ने तय किया है कि जिन किसानों ने खरीफ 2024 में समर्थन मूल्य पर धान बेचा था और इस बार वे धान की जगह वैकल्पिक फसलें जैसे मक्का, तिलहन या दलहन की खेती करेंगे, उन्हें भी आदान सहायता राशि दी जाएगी। यह फैसला एक ओर किसानों को फसल विविधीकरण की ओर प्रोत्साहित करेगा, वहीं दूसरी ओर माटी की सेहत सुधारने में भी मददगार होगा।
यह निर्णय राज्य के कृषि परिदृश्य में बदलाव की दिशा में एक ठोस कदम माना जा रहा है। फसल विविधता से किसान प्राकृतिक आपदाओं के खतरे को कम कर सकेंगे और बाजार की मांग के अनुरूप खेती करके अधिक आमदनी भी कमा सकेंगे।
बैठक में लिए गए अन्य प्रमुख निर्णय भी विकास की रफ्तार को और तेज करने वाले हैं:
पेंशन और आर्थिक स्थिरता के लिए दो नए फंड
राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ पेंशन फंड और ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड के गठन को मंजूरी दी है। पेंशन फंड से सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर पेंशन मिलेगी, वहीं ग्रोथ एंड स्टेबिलिटी फंड राज्य को आर्थिक उतार-चढ़ाव और मंदी के समय मजबूती प्रदान करेगा।
छत्तीसगढ़ बनेगा लॉजिस्टिक हब
राज्य को लॉजिस्टिक्स और निर्यात के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में छत्तीसगढ़ राज्य लॉजिस्टिक नीति-2025 को हरी झंडी दी गई है। इससे ड्राई पोर्ट्स और इनलैंड कंटेनर डिपो की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा, भंडारण की सुविधा सस्ती होगी और MSME व स्थानीय उत्पादकों को वैश्विक बाजार तक पहुंच मिलेगी। यह नीति युवाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोलेगी।
जन विश्वास विधेयक से आसान होगी जिंदगी
मंत्रिपरिषद ने कुछ पुराने कानूनों के कठोर प्रावधानों को हटाने के लिए जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक-2025 को मंजूरी दी। इससे आम नागरिकों और उद्यमियों को गैर-जरूरी कानूनी उलझनों से राहत मिलेगी और न्यायालयों का भार भी कम होगा।
शहरों में बदलेगा सरकारी जमीनों का चेहरा
राज्यभर में पुराने और जर्जर भवनों के स्थान पर आधुनिक निर्माण के लिए सात रिडेवलपमेंट योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। रायपुर, राजनांदगांव, जगदलपुर, कांकेर, महासमुंद और कोरबा में इन योजनाओं से शहरी अधोसंरचना को नया रूप मिलेगा।
पदोन्नति नियमों में राहत
वाणिज्यिक कर (पंजीयन) विभाग में पदोन्नति की राह आसान करते हुए न्यूनतम सेवा अवधि को एक बार के लिए पांच साल से घटाकर दो साल कर दिया गया है।
कुल मिलाकर मंत्रिपरिषद की आज की बैठक ने किसानों, कर्मचारियों, व्यापारियों और युवाओं सभी वर्गों को ध्यान में रखकर निर्णय लिए हैं जो आने वाले समय में राज्य को और मजबूती देंगे।