छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र का पहला दिन हंगामेदार, खाद-बीज संकट और राजस्व निरीक्षक परीक्षा घोटाले पर विपक्ष का वार, 23 विधायक निलंबित
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होते ही जोरदार हंगामे की भेंट चढ़ गया। सत्र के पहले दिन ही पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त और पूर्व विधायक राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह को श्रद्धांजलि देकर कार्यवाही की शुरुआत हुई, जिसके बाद विपक्ष ने प्रदेश में खाद-बीज की कमी और राजस्व निरीक्षक परीक्षा में गड़बड़ी को लेकर सरकार को घेरा।
श्रद्धांजलि के साथ सत्र की शुरुआत, कार्यवाही 10 मिनट स्थगित
सत्र की शुरुआत में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त और पूर्व विधायक राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के निधन की जानकारी दी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और संसदीय कार्यमंत्री केदार कश्यप सहित सभी प्रमुख नेताओं ने दिवंगत नेताओं के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद दो मिनट का मौन रखकर कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया।
खाद-बीज संकट पर विपक्ष का हंगामा, 23 विधायक निलंबित
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होते ही शून्यकाल में विपक्ष ने प्रदेश में डीएपी खाद और प्रमाणिक बीज की कमी, कालाबाज़ारी और किसानों की बदहाली का मुद्दा उठाते हुए स्थगन प्रस्ताव की मांग की। स्पीकर द्वारा प्रस्ताव खारिज करने पर विपक्ष ने नारेबाजी की और गर्भगृह में घुसकर प्रदर्शन किया।
इस पर कार्रवाई करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के 23 विधायकों को कार्यवाही से निलंबित कर दिया। हालांकि बाद में सदन दोबारा शुरू होते ही सभी विधायकों का निलंबन वापस ले लिया गया। अंत में वृक्षारोपण कार्यक्रम के चलते सदन की कार्यवाही मंगलवार तक स्थगित कर दी गई।
राजस्व निरीक्षक परीक्षा में गड़बड़ी का मामला गरमाया
मानसून सत्र के पहले दिन ही एक और बड़ा मुद्दा सदन में छाया रहा। भाजपा विधायक राजेश मूणत ने राजस्व निरीक्षक परीक्षा में गड़बड़ी का मामला उठाते हुए गृह विभाग की जांच रिपोर्ट, दोषियों पर कार्रवाई और परीक्षार्थियों की संख्या को लेकर सवाल किए।
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने जवाब में स्वीकार किया कि परीक्षा में अनियमितताएं हुई हैं और जांच के लिए मामला ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) को सौंपा गया है। मंत्री ने बताया कि शिकायतों के बाद 5 सदस्यीय जांच समिति बनाई गई थी, जिसमें कई परीक्षार्थियों के बीच संबंध सामने आए, लेकिन ठोस साक्ष्य न होने से अभी कार्रवाई लंबित है।
पूर्व सीएम बघेल का हमला, विपक्ष ने किया वॉकआउट
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर हमला बोलते हुए पूछा कि परीक्षा कब हुई और दोषियों पर कार्रवाई कब होगी। मंत्री के जवाब कि परीक्षा जनवरी 2024 में हुई और परिणाम फरवरी में आया, के बाद सदन में जोरदार हंगामा शुरू हो गया।
बघेल ने मामले की CBI जांच की मांग करते हुए सरकार पर आरोप लगाया कि वह दोषियों को बचा रही है। इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके चलते विपक्ष ने वॉकआउट कर दिया।
मुख्य बिंदु:
- खाद-बीज की किल्लत पर विपक्ष का स्थगन प्रस्ताव खारिज, सदन में हंगामा
- गर्भगृह में प्रदर्शन पर विपक्ष के 23 विधायक निलंबित, फिर निलंबन वापस
- राजस्व निरीक्षक परीक्षा में भाई-भाई और साली-जीजा एक साथ बैठे पाए गए
- जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी गई, मंत्री बोले – “गड़बड़ी तो हुई है, लेकिन सबूत नहीं”
- पूर्व सीएम बघेल ने CBI जांच की मांग की, विपक्ष का वॉकआउट
छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र की यह शुरुआत राजनीतिक गरमाहट और सरकार-विपक्ष के बीच तीखी टकराव के साथ हुई है। आने वाले दिनों में यह सत्र और भी तूफानी होने की संभावना है।