बीजिंग/नई दिल्ली:
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर इस समय शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने चीन दौरे पर हैं। इस दौरान उन्होंने सोमवार को बीजिंग में चीन के उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की। इस अहम भेंट में दोनों देशों के बीच संबंध सुधारने और धार्मिक यात्राओं की बहाली जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
जयशंकर बोले – वैश्विक हालात जटिल, भारत-चीन विचार-विमर्श बेहद जरूरी
डॉ. जयशंकर ने कहा, “जब हमारी मुलाकात हो रही है, तब वैश्विक हालात बेहद जटिल हैं। ऐसे में पड़ोसी देशों और बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के तौर पर हमारे बीच विचारों का आदान-प्रदान बहुत अहम है।”
कैलाश मानसरोवर यात्रा छह साल बाद फिर शुरू, भारत में मिली सराहना
जयशंकर ने कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में इसकी खूब सराहना हो रही है। बता दें कि यह यात्रा कोरोना महामारी, गलवान संघर्ष और सीमा पर तनाव के कारण 2020 से बंद थी। अब हालात सुधरने पर यह यात्रा 2024 में फिर शुरू हुई है। जून से अगस्त के बीच करीब 750 तीर्थयात्री तिब्बत में स्थित इस धार्मिक स्थल की यात्रा कर सकेंगे।
भारत-चीन रिश्तों में सुधार का संकेत, SCO में चीन की अध्यक्षता को भारत का समर्थन
विदेश मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कजान में हुई मुलाकात के बाद से द्विपक्षीय रिश्तों में सकारात्मक बदलाव आ रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत, SCO में चीन की सफल अध्यक्षता का समर्थन करता है।
भारत-चीन रिश्तों के 75 साल, आगे और सुधार की उम्मीद
जयशंकर ने बताया कि दोनों देशों ने अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस यात्रा के दौरान हुई चर्चाएं द्विपक्षीय रिश्तों को आगे सकारात्मक दिशा में ले जाएंगी।
कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली और SCO में सहयोग को लेकर भारत-चीन के रिश्तों में नए सिरे से गर्मजोशी देखने को मिल रही है। विदेश मंत्री जयशंकर की चीन यात्रा इसे और मजबूती देने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।